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भारत में इतने भिखारी पागल लाचार इंसान क्यों हैं


भारत में इतने पागल भिखारी गरीब इसलिए हैं क्योंकि यह देश अपने वसूल ओं पर जीता है वह यह सोचता है कि प्राण जाए तो जाए पर ईमान आ जाए कभी वह परिवार के चलते ऐसा करने लगते हैं कभी वह खुद की वजह से करने लगते हैं कभी वह दुनिया से हार जाते हैं इसी वजह से वह इस तरह के काम करने लगते हैं उन्हें शुरू से ही ऐसे ऐसे उसूल सिखा दिया जाते हैं जिनके अंदर दब कर और तड़प कर वह हर कोशिश से हार मान जाते हैं और आखिर में भीख मांगना या सिर्फ मजदूरी करना और ऐसी जिंदगी बिता देना उनके लिए आम हो जाता है

वह करना तो सब कुछ चाहते हैं पर उनके कंधों पर ऐसी ऐसी जिम्मेदारियां होती हैं जिसकी वजह से वह कर नहीं पाते और अगर कोशिश भी करते हैं तो वह बार-बार दीमोटिवेट हो जाते हैं

पर यहां कुछ इंसान ऐसे भी होते हैं जो मरते दम तक संघर्ष करना नहीं सोते हैं अगर उस इंसान को वक्त पर सही डायरेक्शन दे दिया जाए सही सलाह दे दिया जाए एक बार जमकर उसे प्रेरित कर दिया जाए तो वह आगे चलकर अपने लिए और दूसरों के लिए मिसाल बन सकता है हमारा भारत देश का गौरव बन सकता है हमारे भारत देश की शान बन सकता है

अरे सही बात कहे तो यहां ऐसा भी होता है कि उगते सूरज को ही लोग सलाम करते हैं प्रणाम करते हैं और नमन करते हैं यहां अंधेरों में रहने की सबको जैसे आदत सी हो गई है यहां लिमिटेड जीने की सबको आदत सी हो गई है यहां जिंदगी बस बेकार  रहने  की सबको आदत सी हो गई है

 यह इनकी गलती नहीं है यह गलती उन नेताओं की है उन मुख्यमंत्रियों की है जो हमें हर 5 साल के आखिर में लूटते हैं लूटते हैं और पूरी तरह लूट लेते हैं और हम इनके औलाद 5 साल तक बन जाते हैं वह करते कुछ नहीं बस अपना पेट भरते हैं और अपना वक्त गुजारते हैं

भारत देश में नारी शिक्षा की कमी है नहीं लोगों की कमी है और ना ही संसाधन की कमी है अगर यहां कमी कुछ की है तो वह सही फैसले की लेने की कमी है यहां सब एमबीबीएस पास बहुत बड़ी-बड़ी डिग्रियां लेकर बैठे हुए रहते हैं और राज करते हैं वही अंगूठा चाप राज करते हैं कोई चोर राज करते हैं कोई गुंडा राज करते हैं ऐसे लोग जिनके जिंदगी का भी कोई ठिकाना नहीं होता है 
 बेशक वह खुद को नहीं संभाल सकते तो पूरे देश को क्या संभालेंगे वह खुद की प्रॉब्लम सॉल्व नहीं कर सकते तो देश की प्रॉब्लम क्या स्वागत करेंगे

हमें तो ऐसे इंसान को चलना चाहिए ऐसे इंसान को बादशाह देनी चाहिए कुछ सालों के लिए जो अपनी प्रॉब्लम सॉल्व किए हुए हो जिसके हाथ में सत्ता जाने पर उसका सही इस्तेमाल करें पर अधिकांश रोशनी इंसान को अंधा बना देती है वैसे इस सत्ता की लालच सभी को अंधा बना देती है आखिर हम करें तो क्या करें हम बस कठपुतली बन के रह चुके हैं कर नहीं सकते बस देख सकते हैं लोग हमें लड़ते हैं और लड़ते रहते हैं लोग हमें हो जाते हैं और हमें रहते हैं हम अपनी प्रॉब्लम नहीं कर सकते हैं तो नेता बड़े हुकूमत के मालिक हैं क्या अपनी प्रॉब्लम सॉल्व करेंगे शायद लगता है हमारी जिंदगी भी ऐसे ही गुजर जाएगी

मैंने तो अपनी भावनाओं को प्रकट कर दिया पर क्या आप अपनी भावना प्रकट करना चाहेंगे मुझे जरूर बताएं भी मोटिवेट हो और खुद के लिए सबके लिए कम से कम खुद के लिए कुछ कर सकूं


बस इन्हीं सब वजह से लोगों को गरीबी में रहना पागलों की तरह जीना और भीख मांगना ज्यादा पसंद होता है उनकी आवाज सुनता नहीं और वह अपनी आवाज बुलंद नहीं करना चाहिए कि वो एक जिम्मेदार हैं उनको अपनी जिम्मेदारी होता है बस विश्वास ही मानते हैं वही हमारे साथ धोखा करते हैं वह अपनी जिम्मेदारी क्या है यह नहीं समझते और  हमें भूल जाते रहते हैं और वह खुद ही उलझे हुए ही रहते हैं ना ही खुद का सलूशन निकालते हैं और ना ही हमारा सलूशन निकालते हैं उन्हें बस खुद से मतलब होता है वह बस खुद के लिए जीते हैं


                                        शुक्रिया



bhaarat mein itane paagal bhikhaaree gareeb isalie hain kyonki yah desh apane vasool on par jeeta hai vah yah sochata hai ki praan jae to jae par eemaan aa jae kabhee vah parivaar ke chalate aisa karane lagate hain kabhee vah khud kee vajah se karane lagate hain kabhee vah duniya se haar jaate hain isee vajah se vah is tarah ke kaam karane lagate hain unhen shuroo se hee aise aise usool sikha diya jaate hain jinake andar dab kar aur tadap kar vah har koshish se haar maan jaate hain aur aakhir mein bheekh maangana ya sirph majadooree karana aur aisee jindagee bita dena unake lie aam ho jaata hai

vah karana to sab kuchh chaahate hain par unake kandhon par aisee aisee jimmedaariyaan hotee hain jisakee vajah se vah kar nahin paate aur agar koshish bhee karate hain to vah baar-baar deemotivet ho jaate hain


par yahaan kuchh insaan aise bhee hote hain jo marate dam tak sangharsh karana nahin sote hain agar us insaan ko vakt par sahee daayarekshan de diya jae sahee salaah de diya jae ek baar jamakar use prerit kar diya jae to vah aage chalakar apane lie aur doosaron ke lie misaal ban sakata hai hamaara bhaarat desh ka gaurav ban sakata hai hamaare bhaarat desh kee shaan ban sakata hai

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